सम्मानीय शिवराज सिंह चौहान, 06/02/2021
मुख्यमंत्री,
मध्यप्रदेश,
भोपाल
विषय :- अंतरजातीय विवाह पर जो आंकड़े मिले है और जो पैसे दिये गए है वह सराहनीय है । साथ मे अन्तरक्षेत्रीय व अन्तरधर्मो में भी विवाह होने चाहिये !!
सादर नमस्ते,
मध्य प्रदेश में जिला रीवा जनसंपर्क विभाग द्वारा खबर देखी है जिसकी लिंक भी आपके साथ शेयर कर रहा हूँ – https://www.dprmp.org/NewsDetail.aspx?newsid=977550&disid=33
कि अंतरजातीय विवाह करने पर सरकार ने बहुत प्रोत्साहित किया है । और जो आंकड़े मिले है वह सकारात्मक दिशा की ओर ले जाते है । हमारे लगातार पत्र सरकार को इस संवेदनशील मुद्दे पर जाते रहे है और अभी भी लगातार भेजे जा रहे है ।
प्रदेश में सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के मकसद से अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना में पिछले 2 वर्षो में 1338 दम्पत्तियों को अनुसूचित-जाति कल्याण विभाग ने 16 करोड़ 76 लाख रूपये की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी है।
विभाग ने वर्ष 2019-20 में 742 दम्पत्तियों को 14 करोड़ 84 लाख रूपये और वर्ष 2020-21 में अब तक 596 दम्पत्तियों को 11 करोड़ 92 लाख रूपये की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी है। योजना में समाज में ऊँच-नीच और छुआछूत के विचारों को त्याग कर इन विचारों से ओत-प्रोत स्वर्ण युवक अथवा युवती द्वारा अनुसूचित-जाति की युवती अथवा युवक से विवाह करने पर ऐसे दम्पत्तियों को सम्मानित कर प्रोत्साहित किया जाता है। योजना में प्रत्येक अंतर्जातीय विवाह करने वाले आदर्श दम्पत्ति को प्रोत्साहन राशि के रूप में 2 लाख रूपये विभाग द्वारा दिये जाते हैं।
ये बहुत ही प्रशंसा की बात है कि सरकार इस पर कार्य कर रही है । सरकार को इसके आगे भी कार्य को बढ़ाना चाहिए । हमारी सोसायटी अंतरजातीय विवाह हो , इसके साथ साथ अन्तरक्षेत्रीय व अन्तरधर्मो में भी विवाह होना चाहिये । तभी पूरा देश एक हो सकता है । हम सिर्फ जाति में ही नही बटे है । हम क्षेत्र और धर्मो में भी बट गये है । एक दूसरे से विवाह जातिगत, क्षेत्रीय व अन्तरधर्मो में भी होना चाहिये । सोसायटी इसके पक्ष में है और पिछले 5 सालों से हर राज्य में जागरूकता फैला रही है । सोसायटी की तरफ से सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, सामाजिक न्याय मंत्री व अन्य इस संवेदनशील मुद्दे पर कार्यरत लोगो, संस्था को अवगत कराया जाता है जिससे समाज को एक नई दिशा मिल सके ।
अब हम आपका ध्यान एक ऐसे एक्ट के बारे में ले जाना चाहते है जो लगभग 64 बर्षो पहले आया था । जिसके बारे में कुछ ही लोग जानते है । सामान्य जनता को इसका पता ही नही है । भारत सरकार द्वारा कानून “प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स एक्ट 1955” में अंतरजातीय विवाह के लिये एक एक्ट आया था । आज लगभग 64 साल होने को है । लेकिन इस एक्ट के बारे में समाज मे जागरूकता बहुत कम है । हमारी संस्था आग्रह करती है कि इस एक्ट को समाज के हर ब्यक्ति तक जागरूकता फैलाने में मदद करे। जिसे इस एक्ट का लोग अधिक से अधिक लाभ उठा पाये । सभी राज्यो में इसका अलग अलग पैमाना है । जो राशि दी जाती है । जितनी राशि बढ़ेगी उतना अच्छा रहेगा और अन्य सुविधाएं भी मिलनी चाहिए। सबसे बड़ी सुरक्षा मिलनी चाहिए। जिससे समाज मे कोई डर न हो । एक बार फिर से दोहरा रहा हूँ । संस्था का सबसे बड़ा मुख्य पहलू है कि आपस में अंतरजातीय विवाह तो होना ही चाहिए, जो एक्ट कहता है लेकिन साथ मे अंतर धर्म और अंतर क्षेत्र में विवाह होना चाहिये ।
एक बार डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने 1936 में कहा था – “मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूँ कि अंतरजातीय विवाह ही जातिगत भेदभावों को मिटाने का अचूक उपाय है ।”
आशा है हमारी सोसायटी के जो सकारात्मक सुझाव है उस पर राज्य अच्छे से ध्यान देगी और इस संवेदनशील मुद्दे को और आगे बढायेगी ।
सोसायटी का यही मानना है कि हम सब एक हो जाये । कोई मतभेद न रहे जो कि विवाह ही एक रास्ता है जिससे पूरी मानवजाति एक हो जायेगी ।
धन्यवाद
भवदीय
पृथ्वी मानकतला
“सचिव”
“द पीपुल्स वॉइस सोसाइटी”
“नई दिल्ली”
फोन : +91-124-416-4000
मोबाइल : +91-92055-43360
Website :- http://thepeoplesvoice.in/
Blog :- https://tpvblog.wordpress.com/